श्री एम.सी. बालासुब्रमणियम ने 23.01.2025 को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के एक प्रमुख डी.पी.एस.यू. ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जी.आई.एल.) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला । वर्ष 1999 बैच के आई.ओ.एफ.एस. अधिकारी श्री एम.सी. बालासुब्रमणियम ने प्रतिष्ठित केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान से बी.टेक. पूर्ण करने के बाद दिनांक 03.01.2000 को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन अकादमी में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में अपनी प्रोफेशनल यात्रा की शुरूआत की ।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण के पूर्व वे रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में एक इकाई आयुध पैराशूट फैक्ट्री, कानपुर (ओपीएफ) के महाप्रबंधक का पदभार संभाल रहे थे । इसके पूर्व आयुध उपस्कर निर्माणी कानपुर, आयुध वस्त्र निर्माणी, अवाडी और आयुध उपस्कर निर्माणी, हजरतपुर में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने परिचालन अनुसंधान एवं विकास आपूर्ति, श्रृंखला प्रबंधन, विपणन एवं निर्यात, नवीन उत्पाद विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, रणनीतिक योजनाएं, वित्त एवं लेखा, उत्पादन, प्रशासन आदि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । उनका 25 वर्षों से अधिक का एक अभूतपूर्व करियर रहा है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों, गृह मंत्रालय और निर्यात के लिए विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण पैराशूट्स इन्फ्लेटेबल्स बोट्स एवं रबर के उत्पादों, ट्रूप कम्फर्ट इक्विपमेंट्, अत्यधिक ठंडे जलवायु वाले गियर्स, तकनीकी टेक्सटाइल्स आदि का विनिर्माण शामिल है।

श्री सीबा प्रसाद पटनायक ने 2 अप्रैल, 2025 को ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड में निदेशक (वित्त) का पदभार ग्रहण किया है। वे वाणिज्य में परास्नातक हैं, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य रहे हैं और उनके पास अन्य अतिरिक्त योग्यताएं भी हैं। श्री पटनायक पावर (थर्मल, हाइड्रो और रिन्यूएबल) और खनन क्षेत्रों में तीन दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव लेकर रखते हैं और उन्होंने एनएलसी इंडिया लिमिटेड और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम किया है, कॉर्पोरेट और प्रोजेक्ट दोनों ही वातावरण में प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड में शामिल होने से पहले, श्री पटनायक ने नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनएलसी इंडिया लिमिटेड में मुख्य महाप्रबंधक (वित्त) के रूप में कार्य किया है। उनके पास कॉर्पोरेट खातों, ट्रेजरी प्रबंधन, कराधान, अनुबंध प्रबंधन, परियोजना मूल्यांकन आदि में व्यावहारिक अनुभव का खजाना है। श्री पटनायक ने भारत सरकार की मिनीरत्न अनुसूची-ए कंपनी टीएच
श्री पटनायक ने नवीकरणीय परियोजनाओं के लिए एक मजबूत वित्तीय मॉडल भी विकसित किया, जिससे प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से कई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में भाग लेने और सफलतापूर्वक हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने कई परियोजनाओं के लिए बड़ी वित्तीय बंदोबस्ती भी सफलतापूर्वक हासिल की है।
केंद्रीय सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारी, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में कार्य करने का 30 वर्षों से अधिक का अनुभव। भारत सरकार के स्थापना मामलों एवं द्विपक्षीय सहयोग में कार्य करने का अनुभव। रक्षा मंत्रालय, रक्षा उत्पादन विभाग में आने से पूर्व, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में कार्य कर चुकी हैं। जापान के साथ द्विपक्षीय सहयोग का कार्य देख चुकी हैं। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) से आधिकारिक विकास सहायक के तहत द्विपक्षीय ऋण के साथ बुनियादी ढांचे एवं कृषि विकास की अनेक परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नवंबर 2017 से रक्षा मंत्रालय, डीडीपी में हैं तथा रक्षा निर्यात एवं औद्योगिक लाइसेंसिंग का कार्य देख रही हैं। निर्यात प्राधिकरण प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए संपूर्ण समाधान प्रदान करने का कार्य किया है। रक्षा निर्यात को बढ़ाने के लिए अनेक सुधार लाए गए हैं, जिनके परिणाम सामने आए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, रक्षा निर्यात में कई गुना वृद्धि देखी गई है जो 2017-18 में 4682 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 21083 करोड़ रुपये हो गई है।